एक बार एक राजा भ्रमण पर निकला तो उन्होंने देखा की एक शेर गाय को भोजन बनाने के लिए आतुर है। गाय राजा की शरण में आ गयी, तो राजा ने शेर से कहां कि यह अब मेरे शरणागत है मैं तुम्हे इसे नहीं मारने दूंगा। इस पर शेर बोला हे राजन तुम यहां से चले जाओ ये गाय मेरा भोजन है और इसको मारना मेरा स्वधर्म है तुम इसके बीच में मत आओ। राजा बोला में क्षत्रिय राजा हूं मेरा स्वधर्म शरणागत की रक्षा करना है। अब तुम बताओं की जब किसी का स्वर्धम दूसरे के स्वर्धम से टकराता है तब क्या करना चाहिए ।इस बात पर राजा बोला की मूर्ख लोग आपस में लड़ने की चेष्टा करते है और बुद्धिमान लोग बीच को कोई रास्ता निकालते है। अब हमें कुछ इस तरह का रास्ता निकालना होगा। इस पर राजा बोला की तुम इस गाय को जाने दो और इसकी जगह तुम मुझे खा कर अपनी भूख शांत कर लो । शेर बोला हे राज शूरवीर हो तुम अतुल धन संपत्ति के स्वामी हो तुम क्यो इस तुच्छ प्राणी के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा रहे हो । राजा ने बोला तुम्हार स्वधर्म है इस गाय को मार कर अपनी भूख का शांत करना और क्षत्रिय का धर्म है रक्षा करना यदि मै ने इस गाय की रक्षा ना की तो मेरे वंश का गौरव खत्म हो जाएगा और जिस वंश में राम ,लव कुश,हरीशचंद्र जैसे महापुरूष है वे मेरे इस जीवन को कायर कहेंगे तो ऐसे जीवन से मर जाना अच्छा है। राजा ने अपने शरीर को सिंह के समझ समर्पित कर दिया।
कहा भी जाता है की भय उससे भय खाता है जिसको भय से भय नहीं खाता । परीक्षा पूर्ण हुई और परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुआ और परीक्षक हारा। स्वधर्म का पालन करने से बड़ी से बड़ी मुश्किलों से छुटकार मिल सकता है।
मुझे यह बात इस लिए ध्यान में आयी क्योकि मेरे अजीज मित्र है एक दिन वे मुझे मिले और मुझे आपने एम्पलायर से परेशानी के बारे में मुझे बताने लगे । एम्पलायर हमेशा शक करता है उसको छोटी छोटी बातों को वे वजह बढ़ाचढ़ा कर करने की आदत है जिससे मेरी हमेशा उससे गिचड़ होती है। मुझे लगा मेरा मित्र वाकये परेशान है। मैं उसकी इस परेशानी को इस लिए भी अच्छे से समझ रहा था क्योकि अक्सर ऐसी परेशानी से हर कोई जुड़ा है जो अपने एम्पलायर से संतुष्ट नहीं होता है और इस तरह की मानसिक पीड़ा को झेलता रहा है। मुझे उसकी बात सुनकर एक बात याद आयी जो मैने कहीं पड़ी थी।
यदि मेरा मन इस बात को मान ले कि फलां व्यक्ति जो कह रहा है
वह सही है तो
सारी समस्याओं का सारे विवादों का वही अंत हो जाता है।
badhiya likha aapne
ReplyDeleteLearn By Watch Blog
kahaanii ke alaawaa kuchh bhi spasht nahin huaa. shaayad mujhme itnaa dhairy nahin ki main ise dubaaraa padhun.
ReplyDeletev good.
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें